महायुतीच्या बैठकीत निर्णय
दूध उत्पादकांच्या मागण्या मान्य होईपर्यंत आंदोलन चालूच ठेवण्याचा निर्धार महायुतीच्या मंगळवारी झालेल्या बैठकीत घेण्यात आला असून पुढील टप्प्यात मुख्यमंत्र्यांना 5 लाख निवेदने देणार असल्याची माहिती भाजपा प्रदेशाध्यक्ष चंद्रकांतदादा पाटील यांनी दिली.
या बैठकीस विरोधी पक्षनेते देवेंद्र फडणवीस, भारतीय जनता पार्टीचे प्रदेशाध्यक्ष चंद्रकांतदादा पाटील, राष्ट्रीय समाज पक्षाचे आ. महादेव जानकर, रयत क्रांती संघटनेचे आ. सदाभाऊ खोत, शिवसंग्राम संघटनेचे आ. विनायक मेटे आणि रिपब्लिक पार्टी ऑफ इंडिया (आठवले गट) अविनाश महातेकर, भाजपा प्रदेश उपाध्यक्ष प्रीतम मुंडे, भाजपा प्रदेश सरचिटणीस चंद्रशेखर बावनकुळे, देवयानी फरांदे व भाजपा प्रदेश किसान मोर्चा अध्यक्ष अनिल बोंडे उपस्थित होते.
दोनदा आंदोलन करूनही राज्य सरकारने दूध उत्पादकांना सरसकट अनुदान देण्याचा निर्णय घेतलेला नाही. महायुतीच्या आंदोलनाला शेतकऱ्यांनी उत्तम प्रतिसाद देऊन आपल्या मागण्या सरकार दरबारी मांडल्या. माध्यमांनीही या आंदोलनांची दखल घेतली. मात्र राज्य सरकारने गेंड्याची कातडी पांघरून या आंदोलनाकडे दुर्लक्ष केले आहे. दूध आंदोलनाचा विषय राज्य सरकारच्या अखत्यारीत येत असूनही हा विषयही केंद्र सरकारच्या माथी मारण्याचा प्रयत्न हे सरकार करीत आहेत. यावरून राज्य सरकार कशाप्रकारे आपल्या जबाबदारीची चालढकल करत आहे हे दिसून येते.
अशा स्थितीत महायुती दूध उत्पादक शेतकऱ्यांना वाऱ्यावर सोडणार नाही. दूध उत्पादकांना न्याय मिळवून दिल्याखेरीज स्वस्थ बसायचे नाही, असा निर्धार महायुतीतील घटक पक्षांच्या नेत्यांनी व्यक्त केला. भाजपा सरकारच्या कार्यकाळात दूध उत्पादक शेतकऱ्यांना योग्य अनुदान देऊन त्यांचा प्रश्न सोडवला होता. आत्ताचे सरकारही यासाठी बांधील आहे. तेव्हा हे दूध आंदोलन अधिकाधिक तीव्र करून शेतकऱ्यांना अनुदान मिळवून देण्यासाठी 13 ते 19 ऑगस्ट दरम्यान दूध उत्पादक शेतकऱ्यांना प्रति लिटर 10 रू. अनुदान थेट त्यांच्या बँक खात्यावर जमा करण्यात यावे, दूध भुकटीच्या निर्यातीसाठी प्रति किलो 50 रू. अनुदान द्यावे तसेच गाईच्या दुधाला 30 रू. दर द्यावा या मागण्यांचे लेखी पत्र, ई-मेल, फोन कॉल किंवा इन्स्टाग्राम या विविध मार्गांनी 5 लाख निवेदने मुख्यमंत्र्यांना देऊन आंदोलन करणार असल्याची माहिती मा. चंद्रकांतदादा पाटील यांनी दिली.
The agitation will continue till the demands of milk producers are met, Mahayuti decides
The decision to continue the agitation till the demands of milk producers are met was taken at a meeting of the Mahayuti alliance held on Tuesday and in the next phase, 5 lakh memorandums will be submitted to the Chief Minister, informed state Bharatiya Janata Party (BJP) president Chandrakantdada Patil.
Leader of Opposition in Legislative Assembly Devendra Fadnavis, State BJP President Chandrakantdada Patil, Rashtriya Samaj Party, Mahadev Jankar, Rayat Kranti Sanghatana MLC Sadabhau Khot, Shiv Sangram Sanghatana MLC Vinayak Mete and Republic Party of India (Athawale) Avinash Mahatekar, state BJP vice president Dr Pritam Munde, state BJP general secretary Chandrasekhar Bavankule, Devyani Farande and state BJP Kisan Morcha president Dr Anil Bonde were present.
Despite staging two agitations, the state government has not taken any decision to provide any subsidy to milk producers. The farmers responded well to the agitation of the alliance and presented their demands to the government. The media also took notice of these agitations. However, the thick skinned state government has ignored the agitation. Even though the issue of milk agitation is coming under the purview of the state government, the government is trying to pin it on the central government. This shows how the state government is shirking its responsibilities.
In such a situation, Mahayuti will not let the milk farmers fend for themselves. The leaders of the constituent parties of the Mahayuti alliance have expressed their determination not to sit idle until and unless justice is done to the milk producers. During the tenure of the BJP government, their problem was solved by giving proper subsidy to the milk producing farmers. The present government is also committed to this.
Hence in order to further intensify the milk agitation and provide subsidy to the farmers, from 13th to 19th August, milk producers will be given direct subsidy of Rs. 10 per liter. The subsidy should be credited directly to their bank accounts, subsidy of Rs 50 per kg for export of milk powder should be given as well. Hon. Chandrakantdada Patil informed that the agitation will take place by giving 5 lakh memorandums to the Chief Minister through various means like written letter, e-mail, phone call or Instagram.
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दूध उत्पादकों की मांगों को माने जाने तक आंदोलन शुरु रहेगा।
महायुति की बैठक में निर्णय
दूध उत्पादकों की मांगों को माने जाने तक आंदोलन शुरू रखने का निर्णय महायुति की मंगलवार को संपन्न हुई बैठक में लिया गया और अगले चरण में मुख्यमंत्री को 5 लाख निवेदन दिए जायेंगे यह जानकारी भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष चंद्रकांतदादा पाटील ने दी।
इस बैठक में विरोधी पक्ष नेता देवेंद्र फडणवीस, भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष चंद्रकांतदादा पाटील, राष्ट्रीय समाज पार्टी के विधायक महादेव जानकर, रयत क्रांति संगठन के विधायक सदाभाऊ खोत, शिवसंग्राम संगठन के विधायक विनायक मेटे और रिपब्लिकन पार्टी ऑफ इंडिया (आठवले समूह) के अविनाश महातेकर साथ ही भाजपा प्रदेश उपाध्यक्ष प्रीतम मुंडे, भाजपा प्रदेश महासचिव चंद्रशेखर बावनकुले, देवयानी फरांदे व भाजपा किसान मोर्चा के अध्यक्ष अनिल बोंडे उपस्थित थे।
दो बार आंदोलन करने के पश्चात भी राज्य सरकार द्वारा दूध उत्पादकों को औसतन अनुदान देने का निर्णय नहीं लिया गया। महायुति के आंदोलन को किसानों ने भरपूर सहयोग देकर अपनी मांगों को राज्य सरकार के दरबार में कही। माध्यमों ने भी आंदोलन को दिखाया। लेकिन राज्य सरकार गेंडे की चमड़ी पहनकर इस जन आंदोलन की ओर ध्यान नहीं दिया। दूध आंदोलन का विषय राज्य सरकार का होने के बावजूद इस विषय को केंद्र सरकार के मत्थे गढ़ने का प्रयास यह सरकार कर रही है। किस तरह से इस विषय पर राज्य सरकार अपनी जिम्मेदारी को ढकेल रही है यह दिखाई दे रहा है।
इस परिस्थिति में महायुति दूध उत्पादक किसानों को अकेले नहीं छोडनेवाली है। दूध उत्पादकों को न्याय दिलाने तक शांत नहीं बैठने का निर्णय महायुति समूह के पार्टी के नेताओं ने लिया है। राज्य में भाजपा सरकार के कार्यकाल के दौरान दूध उत्पादक किसानों को योग्य अनुदान देकर उनकी समस्या को हल किया गया था। वर्तमान सरकार भी इस समस्या को हल करने के लिए बंधनरत है। अब इस आंदोलन को अधिक से अधिक तेज करके किसानों को अनुदान देने तक 13 से 19 अगस्त के दौरान दूध उत्पादक किसानों को प्रति लीटर 10 रु. अनुदान सीधे उनके बैंक खाते में जमा किया जाए, दूध पावडर के निर्यात के लिए प्रतिकिलो 50 रु. अनुदान दिया जाए साथ ही गाय के दूध को 30 रु. की दर दिए जाने के मांग का लिखित पत्र, ई-मेल, फोन कॉल या इंस्टाग्राम जैसे विभिन्न माध्यमों से 5 लाख निवेदन मुख्यमंत्री को देकर आंदोलन करने की जानकारी मा. चंद्रकांतदादा पाटील ने दी।