नागपूर(खबरबात):
विदर्भ पेरेंट्स एसोसिएशन के अध्यक्ष संदीप अग्रवाल ने एक प्रेस विज्ञप्ति जारी कर कहां की कल माननीय मानपा आयुक्त श्री तुकाराम जी मुंडे ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए स्कूल के संचालकों के साथ एक मीटिंग कर स्कूल खोलने बाबत दिशा निर्देश जारी किया यह बहुत हर्ष का विषय है कि मुंडे जी ने यह सकारात्मक पहल की लेकिन क्या यह उचित नहीं होता कि उनके साथ पालको तथा पलकों के साथ काम करने वाले संगठनों को भी उस वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग मैं उनका पक्ष रखने बुलाते ,
आज के वातावरण मैं सरकार और स्कूल संचालक ही हमारे बच्चों के लिए सारे नियम बना रही हैं लेकिन पालको को उनके बच्चों के बारे मे सही गलत बोलने का मौका नहीं दे रही,जिनके बच्चे हैं उनको सुनने का मौका नही दिया जा रहा है सारे नियम खुद ही बनाये जा रहा है, हम सब पालक है आपने बच्चों का अच्छा बुरा सब जानते है,
हमे भी अपने बच्चों की भविष्य की चिंता है लेकिन इस का यह मतलब नही की हमारी अनदेखी कर आप खुद ही हमारे बच्चों का निर्णय ले बेहतर होता कि अगर पालको की भी बात सुनी जाती, अभी भी कुछ बिगड़ा नही है क्योंकि उनके निर्देश अनुसार सभी स्कूल 26/6/2020 को खुलने वाले हैं इसलिए एक वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग सभा पालको की भी बुलाई जाये औऱ हमारे द्वारा बताए जा रहे उपाय योजना उसमे समलित किये जाए।श्री अग्रवाल ने कहा कि उस निर्देश मैं लिखा है कि स्कूल वाले कॉपी किताब वितरण की प्रणाली भी तय करे अगर यह वितरण प्रणाली मुफ्त वितरण हेतु है तो ठीक है अगर यह वितरण निजी स्कूलों के लिए है तो सरकारी नियमों के अनुसार स्कूल वाले किसी भी प्रकार का कमर्शियल काम नहीं कर सकते वे खुद या उनके द्वारा निर्धारित की गई विषिट दुकान से भी खरिदने हेतु बाध्य नहीं कर सकते,
इसलिए श्री मुंडेजी को इस बाबत भी खुलासा करना चाहिए।आपके आदेश के अनुसार अपने 2 क्लास तक ऑनलाइन एडुकेशन पर बंदी लगाई है तो जो स्कूलों ने 1 और 2 क्लास के विद्यार्थियों को ऑनलाइन एडुकेशन शुरू कर दिया है उनपर वे क्या कार्यवाही करेंगे? उनके परिपत्र के अनुसार शहर में 26 जून से स्कूल चालु की जाएगी तो जो स्कूलों ने पहले ही चालू कर दी है उनपर क्या कार्यवाही की जाएगी?
श्री अग्रवाल ने कहा कि पालको की बात सुनकर और सरकारी नियमों का पालन कर के ही स्कूले संचालकों ने स्कूल चलना चाहिए।श्री अग्रवाल ने मनपा आयुक्त से अपील की की इस कोरोना काल मे कम से कम मनपा ने सकारात्मक पहल करते हुए पालको की आर्थिक स्थिति देखते हुए पालको के साथ न्याय करना चाहिए।