चिकन फ्री मेला और लोगों की भीड़
करनाल:
कोरोना वायरस के भ्रम में चिकन से दूर भाग रहे लोगों को जागरूक करने के लिए ब्रायलर ब्रीडर एसोसिएशन-नाॅर्थ 4 मार्च को सुपर माल के समीप सेक्टर-12 में फ्री चिकन और एग मेले का आयाेजन किया था.
इस मेले में तंदूरी चिकन, चिकन इसी के साथ अंडे खाने के लिए लोगों को जागरूक करने के लिए यह फेस्टिवल का आयोजन किया गया था, लेकिन फोकट में मिलेगा तो कौन नहीं खाएगा ऐसी बात होने के कारण लोगों ने उस महोत्सव में हजारों की संख्या में भीड़ उमल पडी , और चिकन बिरयानी रखे हुए टेबल पे लोगो की भीड़ इकट्ठा होने लगी,और २ मिनट के अंदर ही पूरा चिकन खत्म हो गया,
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लोग इस तरह भिड़े की शिकार पर झपट रहा जंगली जानवर हो, चिकन खाने के लिए लोगों ने पूरा पंडाल और कैटरिंग के डिब्बों को तहस-नहस कर दिया,आचारीने खाना बर्तनों में डालने से पहले ही बीच में से ही पूरा चिकन गायब कर लिया, और कुछ लोगों ने तो हद कर दी लोगों ने को चिकन ना मिलने के कारण झगड़े में चिकन की थाली ही जमीन पर पलटा दी और नीचे से उठाकर चिकन खाने का स्वाद लिया, हजारों लोगों ने चिकन मेले में पहुंचकर स्वादिस्टि चिकन का लुत्फ उठाया.
इस मेले को आयोजित करने का मुख्य उद्देश्य लोगों को चिकन एवं अंडे में पाए जाने वाले पौष्टिक तत्वों के बारे में जानकारी देना है। चिकन एवं अंडे में अत्यधिक मात्रा में प्रोटीन पाया जाता है, जिससे कुपोषण को आसानी से दूर किया जा सकता है। आज भारत में बहुत से बच्चे ऐसे हैं जो कुपोषण के कारण अपनी जान गंवा देते हैं। चिकन एवं अंडा में वे सभी आवश्यक पोषक तत्व हैं जो हमारे शरीर की ग्रोथ के लिए आवश्यक हैं और सबसे बड़ी बात यह है कि चिकन और अंडे सबसे सस्ते और सुरक्षित स्रोत हैं।
ब्रायलर ब्रीडर एसोसिएशन-नार्थ के चेयरमैन रवि सभरवाल ने बताया कि पोल्ट्री व्यवसाय कृषि व्यवसाय की रीढ़ की हड्डी है। इस व्यवसाय से लाखों लोगों को रोजगार मिलता है। सभरवाल ने बताया कि अगर सरकार अंडे को मीड-डे मील में शामिल कर ले तो बच्चों में कुपोषण की कमी को आसानी से दूर किया जा सकता है।