कोल इंडिया लिमिटेड (सीआईएल) की अनुषंगी कम्पनी वेस्टर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड (वेकोलि) ने बिजली-उत्पादन की लागत कम करने में मदद की दृष्टि से, मध्य,पश्चिम तथा दक्षिण भारत के विभिन्न विद्युत संयंत्रों को लैंडेड चीपर कीमत पर पर्याप्त मात्रा में अतिरिक्त कोयला उपलब्ध कराने का ऑफर दिया है. इससे बिजली कम्पनियों को न केवल अपनी बिजली-दर कम करने में सहायता मिलेगी, बल्कि राष्ट्र-हित में थर्मल कोयले के आयात में भी कमी आयेगी.
उल्लेखनीय है कि मध्य भारत में वेकोलि द्वारा खनन-संचालन करने के अपने लाभ हैं. इससे मध्य, पश्चिम और दक्षिण भारत के उपभोक्ताओं को सस्ता कोयला मिलेगा, क्योंकि देश के पूर्वी भाग में स्थित सीआईएल की कोयला कम्पनियों की तुलना में उन्हें रेलवे-भाड़ा कम लगेगा. स्थान विशेष का लाभ और उत्पादन में लगातार वृद्धि के साथ वेकोलि ने प्रदेश विद्युत कम्पनियों, एनटीपीसी तथा अन्य स्वतंत्र बिजली-निर्माताओं को 20-25 मिलियन टन कोयला ऑफर किया है, जिससे वे अन्यत्र स्थित कोयला कम्पनी की जगह वेकोलि से कोयला ले सकेंगे. यह मात्रा वेकोलि से वर्तमान लिंकेज मात्रा के अतिरिक्त होगी.
पिछले दो दिनों में वेकोलि तथा महाराष्ट्र, मध्यप्रदेश, कर्नाटक, गुजरात राज्य की प्रदेश विद्युत कम्पनियों एवं एनटीपीसी एवं स्वतंत्र बिजली निर्माताओं के साथ हुई कई बैठकों के दौरान वर्तमान लिंकेज के सभी पैरामीटर्स तथा भविष्य में अदला-बदली एवं बिजली कम्पनियों को होने वाले वित्तीय लाभ पर विस्तृत चर्चा की गयी. कम्पनी द्वारा अदला-बदली की प्रक्रिया को शीघ्र पूरा करने के प्रयत्न किये जा रहे हैं, ताकि वेकोलि कोयले की इस अतिरिक्त मात्रा की आपूर्ति अक्टूबर, 2020 से शुरू कर सके. उनकी जरूरतों के अनुसार, विभिन्न विद्युत संयंत्रों को ऑफर की गयी कोयले की अदला-बदली की यह अतिरिक्त मात्रा 3-6 मिलियन टन के बीच होगी. और अधिक कोयले की उपलब्धता के आलोक में, भविष्य में यह मात्रा और बढाई जायेगी.
2013-14 में वेकोलि का उत्पादन-स्तर घट कर 39 मिलियन टन तक आ गया था. सो, विद्युत संयंत्र के उपभोक्ताओं के पास कोल इंडिया की दूसरी अनुषंगी कम्पनियों; एसईसीएल, एमसीएल तथा एससीसीएल से भी कोयला लेने के अलावा कोई दूसरा विकल्प नहीं था. लम्बी दूरी होने के कारण, उपभोक्ताओं को अधिक रेल-भाड़ा चुकाना पड़ता था. इसलिए, कोयले की लैंडेड कीमत उन्हें महंगी पडती थी. वेकोलि ने पिछले छह वर्षों में 20 नयी परियोजनाएं शुरू कीं, जिनसे 2019-20 के दौरान 36 मिलियन टन कोयला-उत्पादन हुआ. इन छह वर्षों के दौरान, कोयले का भंडार समाप्त होते जाने की वज़ह से उत्पादन में आई 22 मिलियन टन की कमी के बावजूद कम्पनी ने 2019-20 में करीब 58 मिलियन टन कोयला-उत्पादन किया. वेकोलि ने 20 और नयी खदानें खोलने की तैयारी के साथ 2023-24 तक 75 मिलियन टन और 2026-27 तक 100 मिलियन टन कोयला-उत्पादन की योजना बनायी है. कोयला-उत्पादन में सतत वृद्धि के साथ, अपने निकटवर्ती उपभोक्ताओं को लैंडेड चीपर कीमत पर आपूर्ति के लिए वेकोलि के पास अब पर्याप्त कोयला उपलब्ध है.
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WCL Offers Cheaper Coal to Power Gencos
In a bid to help power gencos to reduce their generation cost, Western Coalfields Limited (WCL), a subsidiary of Coal India Limited (CIL) has offered substantial additional quantity of coal to different power gencos of central , west & south india at a cheaper landed price. This will not only help Gencos to minimise their cost to reduce power tariff but will also be a factor to cut down import of thermal coal in the interest of the nation.
WCL has the advantage of having its mining operation in central india. This helps consumers of Central, West & South India to get cheaper landed coal due to advantage in lesser Railway freight in comparison to other Coal Companies of CIL located in Eastern part of the country. With locational advantage & phenomenal growth in production, WCL has offered 20-25 Million Tonnes of coal to State Gencos, NTPC & other Independent Power Producers (IPPs) by swapping their linkage from other Coal Companies. This will be in addition to their existing linkage quantity with WCL.
in a series of detailed discussion during last two days with WCL & State Gencos of Maharashtra, Madhya Pradesh, Karnataka, Gujarat followed by NTPC & IPPs, all parameters of existing linkage & future swapping has been discussed along with financial benefit to Gencos. Efforts will be made to complete the swapping procedure at the earliest so that WCL may start dispatching the additional quantity by Oct'20. The additional quantity offered for swapping ranges from 3-6 Million Tonnes to different Gencos depending on their requirement. The quantity will further increase in future subject to availability of more surplus coal.
Coal production in WCL went down to a level of 39 Million Tonnes during 2013-14. Power Consumers had no option, but to take coal from other Subsidiaries of CIL viz. SECL, MCL & also from SCCL. Due to larger distance, consumers had to pay more on Railway freight making landed price of coal higher. However, WCL opened 20 projects in last 6 years which contributed 36 Million Tonnes production during 2019-20. WCL produced about about 58 Million Tonnes of coal during 2019-20 even after losing 22 Million Tonnes of production during last 6 years due to exhaustion of reserves. WCL has now planned to open further 20 projects to take the production level to 75 Million Tonnes by 2023-24 & 100 Million Tonnes by 2026-27. With substantial growth in coal production, WCL has now sufficient coal to offer to its nearby consumers at a cheaper landed price.