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सोमवार, जानेवारी ११, २०२१

 महाराष्ट्र के कई जिलों में बर्ड फ्लू ने दस्तक:करीब 9000 पक्षियों को मारने और 10 किमी के दायरे में पक्षियों की बिक्री में रोक

महाराष्ट्र के कई जिलों में बर्ड फ्लू ने दस्तक:करीब 9000 पक्षियों को मारने और 10 किमी के दायरे में पक्षियों की बिक्री में रोक


महाराष्ट्र:
कोरोना के कोहराम के बाद अब बर्ड फ्लू डरा रहा है. देश के कई राज्यों में बर्ड फ्लू की पुष्टि हुई है, जिसके बाद से ही हड़कंप मचा है. कई राज्यों में पक्षियों की मौत होने से कोहराम मचा है. सरकारों ने सुरक्षा के मद्देनजर पार्क, चिड़ियाघर और झीलों को बंद कर दिया है. महाराष्ट्र के कई जिलों में बर्ड फ्लू ने दस्तक दे दी है. महाराष्ट्र के ही परभणी में मुरूंबा गांव के पोल्ट्री फार्म में करीब 800 मुर्गियों की मौत हो गई. मुर्गियों के सैंपल जांच के लिए भेजे गए हैं ताकि इनकी मौत की वजह पता लगाई जा सके. जिला प्रशासन ने करीब 9000 पक्षियों को मारने और 10 किमी के दायरे में पक्षियों की बिक्री में रोक लगाने के आदेश दिए हैं.
महाराष्ट्र के परभनी जिले में मुर्गों में एवियन इन्फ्लूएंजा फैल रहा है. जबकि मुंबई, ठाणे, दापोली, बीड में भी इसकी पुष्टि हो चुकी है. हरियाणा में इस बीमारी को फैलने से रोकने के लिए संक्रमित पक्षियों को मारना जारी है. एक केंद्रीय दल ने हिमाचल प्रदेश का दौरा किया है और आज (सोमवार) पंचकूला पहुंचकर बीमारी फैलने वाली जगहों का निरीक्षण करेगी. वहीं यह Central team महामारी की जांच भी करेगी.

राज्यों को दिए गए निर्देश (Instructions given to states) वहीं राज्यों से कहा गया है कि इसे लेकर जागरूकता फैलाएं जिससे लोग अफवाहों से बच सकें. राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों से अनुरोध किया गया है कि जल स्रोत( water bodies), चिड़ियों के बाजार, जू, पोल्ट्री फार्मों आदि में निगरानी बढ़ाई जाए. पक्षियों के शवों को अच्छी तरह से हटाने और और पोल्ट्री फार्मों में जैव सुरक्षा (Bio-security) भी मजबूत करने के लिए कहा गया है. वहीं पक्षियों को मारने (culling operations) के दौरान पीपीई किट और जरूरी सामान का भी पर्याप्त स्टॉक बनाए रखने के निर्देश दिए गए हैं.
पशुपालन और डेयरी विभाग Department of Animal Husbandry and Dairying के सचिव ने राज्य के पशुपालन विभागों से इसे लेकर अनुरोध किया है. इनसे कहा गया है कि बीमारी पर नजर रखने के साथ ही वो स्वास्थ्य विभाग के साथ communication और coordination करें, जिससे एवियन इन्फ्लुएंजा को लोगों में फैलने से रोका जा सके. 

गुरुवार, जून २५, २०२०

जम्मू-कश्मीर के लिए बनी पोल्ट्री पॉलिसी, सालाना 50 करोड़ की सब्सिडी देगी सरकार

जम्मू-कश्मीर के लिए बनी पोल्ट्री पॉलिसी, सालाना 50 करोड़ की सब्सिडी देगी सरकार

हमारे यहां ५,३५,५० % लेअर फीड कॉन्सनट्रेट  उपलब्ध है 
जम्मू-कश्मीर:
जम्मू-कश्मीर में पोल्ट्री उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए सरकार ने पहली बार पोल्ट्री पॉलिसी तैयार की है। सरकार ब्राइलर फार्म व संबंधित गतिविधियों के लिए सालाना 50 करोड़ की सब्सिडी देगी। यह सब्सिडी मौजूदा पोल्ट्री उद्योग व नए उद्योग के लिए होगी। पोल्ट्री पॅालिसी में औद्योगिक नीति के तहत सभी केंद्रीय व प्रदेश की योजनाओं का लाभ दिया जाएगा।
पशुपालन विभाग के प्रमुख सचिव नवीन कुमार चौधरी ने उच्च स्तरीय बैठक में पोल्ट्री पालिसी 2020 की घोषणा की। चौधरी ने कहा कि जम्मू, कठुआ, ऊधमपुर, पुलवामा, श्रीनगर व बडगाम जिले में काफी संख्या में शिक्षित युवा इस क्षेत्र में आ रहे हैं।
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 पोल्ट्री पालिसी इस बढ़ती मांग को पूरा करने में सहयोग करेगी और अधिक से अधिक युवाओं को यह पेशा अपनाने का सुनहरा अवसर प्रदान करेगी। जिन ब्राइलर की क्षमता 10 हजार चूजें प्रतिदिन तक होगी उसे प्लांट व अन्य मशीनरी के लिए तीस फीसद तक क्रेडिट दिया जाएगा जो अधिकतम 50 लाख होगा। 10 हजार से अधिक की क्षमता वाली इकाईयों को ऋण पर तीन फीसद ब्याज छूट दी जाएगी।
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उद्योग स्थापित करने वाले सभी योग्य इकाईयों को बिल्डिंग, प्लांट व मशीनरी के इंश्योरेंस प्रीमियम का 100 फीसद लौटाया जाएगा। जनरेटर पर 100 फीसद सब्सिडी दी जाएगी और सिडको व सीकॉप इसके लिए औद्योगिक क्षेत्र में जमीन उपलब्ध कवाएगा। औपचारिकताओं को कम करने के लिए पोल्ट्री विभाग के ज्वाइंट डायरेक्टर इसके नोडल अधिकारी होंगे और उम्मीदवार उनके समक्ष आवेदन कर सकते हैं। च्एक महीने के भीतर प्रोजेक्ट पर फैसला लिया जाएगा। प्रदेश में पोल्ट्री उत्पादन कई गुणा बढ़ेगा।
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सोर्स:जागरण
पशुपालक किसानों की दोगुनी होगी इनकम,मीट और अंडा उत्पादन को बढ़ावा देगी सरकार

पशुपालक किसानों की दोगुनी होगी इनकम,मीट और अंडा उत्पादन को बढ़ावा देगी सरकार

Success eggs on Sindhudurg farmers – Village Square
दिल्ली:
केंद्रीय पशुपालन, डेयरी और मत्स्यपालन मंत्री गिरिराज सिंह  ने कहा है कि सरकार देश में जैविक मीट (Organic Meat) और जैविक अंडा (Organic Egg) उत्पादन और उसके कारोबार को बढ़ावा देगी. उन्होंने कहा कि सरकार के इस कदम से निश्चित ही किसानों की आमदनी (Farmers' Income) में इजाफा होगा.
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केंद्रीय मंत्री ने कहा कि देश के किसानों की दशा सुधारने और उनकी आमदनी में इजाफा करने में पशुपालन (Animal husbandry) का बहुत ही अहम रोल है और सरकार का फोकस पशुपालन को बढ़ावा देने पर है. उन्होंने बताया कि बुधवार को हुई कैबिनेट की बैठक में पशुपालन विभाग के विकास के लिए सरकार ने 15,000 करोड़ रुपये मंजूर किए हैं. पशुपालन विभाग के विकास से देश में 35 लाख लोगों को रोजगार के अवसर मुहैया होंगे.
उन्होंने बताया कि जब मोदी सरकार ने आत्मनिर्भर भारत अभियान पैकेज की घोषणा की थी उस समय पशुपालन और मत्स्य विभाग को 53,000 करोड़ का पैकेज दिया था. यह 15,000 करोड़ का पैकेज आत्मनिर्भर भारत अभियान पैकेज से अलग है.
पशुपालन मंत्री ने बताया कि पशुपालन सेक्टर के विकास के लिए मिल्क, फीड और मीट उत्पादन पर ध्यान दिया जाएगा.
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53 करोड़ पशुधन
गिरिराज सिंह ने कहा कि सरकार पशुओं की नस्ल सुधार के लिए बड़े स्तर पर एक योजना शुरू करने जा रही है. इससे दूध उत्पादन में इजाफा होगा. उन्होंने कहा कि देश में इस समय 53 करोड़ लाइव स्टॉक (गाय-भैंस, भेड़-बकरी आदि) है. देश में पशु विकास दर 8.5 फीसदी सालाना है. देश का लाइव स्टॉक 1.56 लाख करोड़ रुपये का है. उन्होंने बताया कि दुनिया में सबसे ज्यादा भैंस भारत में हैं. 

ऑर्गेनिक मीट और अंडा
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि भारत अपने कुल मीट उत्पादन का महज 5 फीसदी ही निर्यात कर पा रहा है. उन्होंने कहा कि सरकार ऑर्गेनिक मीट (Organic Meat) और अंडा के उत्पादन और कारोबार को बढ़ावा देगी. इसके लिए एपीडा (APEDA) के साथ मिलकर योजना बनाई जा रही है.
बता दें कि देश में ऑर्गेनिक मीट की चर्चा लंबे समय से चल रही है. दो साल पहले उत्तराखंड सरकार ने भी जैविक मीट योजना को बढ़ावा दिया था.
उत्तराखण्ड शीप एंड वूल डेवलपमेंट बोर्ड ने ऐसी ही एक योजना को मंजूरी के लिए नेशनल को-ऑपरेटिव डेवलपमेंट कारपोरेशन (एनसीडीसी) को भेजा था.
इस योजना में कहा गया था कि उत्तराखण्ड के पहाड़ी इलाकों में भेड़ और बकरी बुग्याल और जंगल का ही चारा खाती हैं. लिहाजा इनका मांस जैविक मांस के सभी मानकों को पूरा करता है. यहां तक कि चारे के अलावा इन भेड़-बकरियों को जैविक तरीके से ही डी-वार्मिंग करवाई जाती है.
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सोर्स:ज़ी बिज़नेस 

मंगळवार, डिसेंबर १०, २०१९

पोल्ट्री फार्म संचालकों पर केस दर्ज करने के आदेश

पोल्ट्री फार्म संचालकों पर केस दर्ज करने के आदेश

पंजाब/पंचकुला:


पोल्ट्री फार्म की मक्खियों और गंदगी से परेशान रायपुररानी और बरवाला के लोगों को समस्या से निजात दिलाने के लिए प्रशासन के अलावा अन्य लोग भी कार्रवाई के पक्ष में हैं। इस समस्या के कारण लोग अपनी लड़की की शादी भी इस क्षेत्र में करने से कतराने लगे हैं। इसका प्रभाव खेती, स्वास्थ्य और गृहस्थी पर नजर आने लगा है। शिवालिक विकास मंच के अध्यक्ष एवं पूर्व चेयरमैन विजय बंसल का कहना है कि पहले उन्होंने 2011 में हाईकोर्ट में एक जनहित याचिका दायर की थी। 
अब पोल्ट्रीफार्म मे नही आयेगी गंदगी और नही लगेंगी मक्खीया
दिन कम और वजन जादा
पोल्ट्रीफीड उपलब्ध  संपर्क करे:९१७५९३७९२५ 

अब इस समस्या के समाधान के लिए वह दोबारा हाईकोर्ट की शरण लेंगे। सरकार व प्रशासन ने न केवल कोर्ट के आदेशों की अवमानना की है बल्कि जनता के साथ भी विश्वासघात किया है। हाईकोर्ट के आदेशों पर बनी गाइड लाइन को सख्ती से लागू न करके सरकार व प्रशासन ने जनता के प्रति भेदभावपूर्ण रवैया अख्तियार किया है। 
अब पोल्ट्रीफार्म मे नही आयेगी गंदगी और नही लगेंगी मक्खीया
दिन कम और वजन जादा
पोल्ट्रीफीड उपलब्ध  संपर्क करे:९१७५९३७९२५ 

दूसरी तरफ उपायुक्त मुकेश कुमार आहूजा का कहना है कि जांच के दौरान जिन पोल्ट्री फार्म में खामियां मिली हैं उनके संचालकों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने के आदेश दिए हैं। इसके अलावा वह खुद भी किसी वक्त बरवाला और रायपुररानी के पोल्ट्री फार्म का निरीक्षण कर सकते हैं।
अब पोल्ट्रीफार्म मे नही आयेगी गंदगी और नही लगेंगी मक्खीया
दिन कम और वजन जादा
पोल्ट्रीफीड उपलब्ध  संपर्क करे:९१७५९३७९२५ 

शिवालिक विकास मंच के अध्यक्ष एवं पूर्व चेयरमैन विजय बंसल का कहना है कि मक्खियों की समस्या से निजात दिलाने के लिए उन्होंने 2011 में हाईकोर्ट में एक जनहित याचिका दायर की थी। कोर्ट ने कड़ा संज्ञान लेकर कानून बनाने का आदेश किया। सरकार कानून को लागू करने में असफल साबित हो रही है। उन्होंने इस समस्या के लिए प्रशासन और सरकार को जिम्मेदार ठहराया है।

 बंसल के अनुसार यदि जिला प्रशासन एवं प्रदूषण विभाग, हरियाणा प्रदूषण बोर्ड द्वारा मक्खियों की समस्या के समाधान के लिए उनकी याचिका पर माननीय न्यायालय द्वारा आदेशों पर जारी अधिसूचना को सख्ती से लागू करे तो समाधान हो जाएगा। बंसल ने कहा कि यह आश्चर्य की बात है कि जब सरकार के पास इस समस्या के समाधान के विकल्प हैं तो निदान क्यों नहीं हो पा रहा है।

2013 में समाधान के लिए जारी हुए थे दिशा-निर्देश
हाईकोर्ट ने इस मामले में एडवोकेट विजय बंसल द्वारा दायर जनहित याचिका नंबर 16436/2011 पर 5 सितंबर 2011 को हरियाणा सरकार को एक माह के अंदर कार्रवाई करने का आदेश दिए थे। जिसमें हरियाणा प्रदूषण बोर्ड को केंद्रीय प्रदूषण बोर्ड से दिशा निर्देशन लेकर एक पॉलिसी बनाने के लिए कहा था। जब सरकार ने 2 साल तक कुछ नहीं किया फिर 2013 में पुन: कंटेंप्ट ऑफ कोर्ट की याचिका डालने के बाद अधिसूचना तैयार की गई। फिर भी रायपुरानी और बरवाला में सख्ती से लागू नहीं किया गया, जिस कारण समस्या ज्यों की त्यों है।

जांच के दौरान जिन पोल्ट्री फार्म में खामियां मिली हैं उनके संचालकों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने के आदेश दिए हैं। अधिकारियों की जांच में करीब सात पोल्ट्री फार्म में गंदगी और मरे बर्ड मिले थे। पुलिस अधिकारियों को तत्काल प्रभाव से एफआईआर दर्ज कर रिपोर्टर सौंपने के आदेश दिए हैं। वह स्वयं भी किसी वक्त बरवाला और रायपुररानी के पोल्ट्री फार्म का निरीक्षण कर सकते हैं। - 
मुकेश कुमार आहुजा, डीसी, पचकूला

स्त्रोत:अमर उजाला

गुरुवार, जुलै २५, २०१९

 1730 महिलांना कुक्कुटपालनातून मिळणार स्वयंरोजगार

1730 महिलांना कुक्कुटपालनातून मिळणार स्वयंरोजगार

चांदा बांदा योजनेतून 9 कोटी 8 लाख रूपयांचा निधी मंजूर

चंद्रपूर /प्रतीनिधी:

चंद्रपूर जिल्ह्यातील अनुचित जाती, जमाती, परितक्त्या, विधवा, गरजू, सर्वसाधारण घटकातील महिलांना तसेच महिला बचत गटांना शाश्वत उत्पन्नाचे साधन मिळावे. तसेच महिलांना कायमस्वरूपी रोजगार मिळावा, याउद्देशाने चांदा ते बांदा योजनेतंर्गत कुक्कुटपालन योजना राबविण्यात येत आहे. या योजनेतंर्गत जिल्ह्यातील 1730 महिलांची निवड करण्यात आली आहे. लवकरच त्यांना प्रशिक्षण देवून कुक्कुट पिल्लांचे वाटप करण्यात येणार आहे. चांदा बांदा योजनेमुळे 1730 महिलांच्या कुटूंबियांना शाश्वत रोजगारासह उत्पन्नाची हमी मिळणार आहे.
मिळवा कमी दिवसात जास्त फायदा फक्त NUTRIKRAFT  फीडवर 
राज्याच्या दोन टोकावरील चंद्रपूर व सिंधुदुर्ग या दोन जिल्ह्यासाठी चांदा ते बांदा ही नाविण्यपूर्ण योजना चंद्रपूर जिल्हृयात राबविण्यात येत आहे. जिल्ह्यातील महिलांचे व महिला गटाचे उत्पन्न वाढावे. तसेच त्यांना शाश्वत रोजगार उपलब्ध व्हावा, यासाठी कुक्कुटपालन व्यवसायाला चालना देणाऱ्या विकास कार्यक्रमाची आखणी करण्यात आली. जिल्हा पशुसंवर्धन उपायुक्त तसेच महिला आर्थिक विकास महामंडळ (माविम) यांच्या वतीने कुक्कुट पालन योजना राबविण्यात येत आहे. सदर योजनेसाठी 9 कोटी 8 लाख रूपये निधी मंजूर झाला असून 9 कोटी 7 लाख 73 हजारांचा निधी वितरित करण्यात आला आहे. 9 कोटी 7 लाख 73 हजार या निधीपासून लाभार्थ्यांना कुक्कुट पालन शेड, पिल्लांसाठी खाद्य, औषधी लसीकरण, कडकनाथ व देशी जातीच्या पिल्लांची खरेदी करून देण्यात येणार आहे. सदर योजना अनुसूचित जाती, जमातीसाठी 90 टक्के अनुदान असून लाभार्थी हिस्सा 10 टक्के आहे. तर सर्वसाधारण घटकातील लाभार्थ्यांसाठी 75 टक्के अनुदान असून 25 टक्के लाभार्थी हिस्सा आहे. 
मिळवा कमी दिवसात जास्त फायदा फक्त (पोल्ट्रीफीड)उपलब्ध
महिला आर्थिक विकास महामंडळाने जिल्ह्यातील चंद्रपूर, पोंभूर्णा, जिवती, राजुरा, कोरपना, गोंडपिपरी, नागभिड, सिंदेवाही, वरोरा, मुल, सावली, भद्रावती, ब्रम्हपूरी, चिमूर, बल्लारपूर या तालुक्यातील 1730 महिला लाभार्थ्यांची निवड करण्यात आली आहे. 
मिळवा कमी दिवसात जास्त फायदा फक्त (पोल्ट्रीफीड)उपलब्ध 
यातील काही निवडक महिला लाभार्थ्यांना नागपूर येथील पशु व मस्त्य विद्यापीठ येथे तीन दिवसांचे प्रशिक्षण देण्यात येणार आहे. या प्रशिक्षणात महिलांना कोंबड्यांची निगा राखणे, पिल्लांना खाद्य देणे, पिल्लांची विक्री करणे, याचे प्रशिक्षण देण्यात येणार आहे. त्यानंतर प्रशिक्षण घेतलेल्या महिला इतर लाभार्थी महिलांना मार्गदर्शन करणार आहे. लवकरच महिला व महिला बचत गटांतील महिलांना पिलांचे वाटप करण्यात येणार आहे.
मिळवा कमी दिवसात जास्त फायदा फक्त (पोल्ट्रीफीड)उपलब्ध 
या योजनेमुळे महिलांना शाश्वत उत्पन्नाचे साधन उपलब्ध होणार असून चांदा ते बांदा योजनेच्या कुक्कुटपालन व्यवसायामुळे 1730 महिला व त्यांच्या कुटूंबियांना रोजगार मिळून उत्पन्नात वाढ होणार आहे.