राजसमंद। दिवर युगप्रधान आचार्य श्री महाश्रमण जी के आज्ञानुवर्ती मुनि श्री संजय कुमार जी ने भगवान महावीर के जन्म से लेकर निर्माण तक की घटना रोचक ढंग से प्रस्तुत किया और कहा भगवान महावीर युग के प्रवर्तक थे उन्होंने जीने के साथ संयम से मरने की कला भी सिखाई हमें उपकारी का उपकार नहीं भूलना चाहिए प्रतिक्रमण प्रायश्चित एवं खमत कामना का अनूठा प्रयोग है मुनि प्रकाश कुमार जी ने कहा प्रेक्षाध्यान एवं मंत्र का जप करने से आत्मा उज्जवल बनती है उन्होंने प्रेक्षाध्यान और मंत्र के प्रयोग भी कराए मुनि धैर्य कुमार जी ने उत्तराध्ययन सूत्र का वाचन करते हुए कहा संवत्सरी मन का मेल धोने का पर्व है हमें अंतर ह्रदय से खमत खामना करना चाहिए मुनि सिद्धप्रज्ञ जी ने गणधरवाद और जैन धर्म के प्रभावक आचार्य की सुंदर प्रस्तुति करते हुए कहा जैन धर्म में महान आचार्य हुए उन्होंने अपने
पुरुषार्थ ज्ञान और दर्शन से जैन शासन की अभूतपूर्व प्रभावना की है तेरापंथ में भी प्रभावकारी आचार्य हुए उनका इतिहास बहुत विचित्र और सुनने योग्य है। कार्यक्रम में आमेट धोइंदा, पड़ासली ,नरदास का गुड़ा, सूरजपुरा, छापली ,रिछेड,कांकरोली, मुंबई बेंगलुरु, चेन्नई आदि से बड़ी संख्या में श्रद्धालु जन उपस्थित थे कार्यक्रम
में तेरापंथ महिला मंडल कन्या मंडल तेरापंथ सभा आदि ने गीत आदि के माध्यम से अपने विचार प्रस्तुत की कार्यक्रम की योजना में अनेक लोगों का सराहनीय सहयोग रहा कार्यक्रम प्रातः 8:00 बजे शुरू हुआ जो कि शाम को 4:00 बजे तक निर्विघ्नं गति से चलता रहा ।
पुरुषार्थ ज्ञान और दर्शन से जैन शासन की अभूतपूर्व प्रभावना की है तेरापंथ में भी प्रभावकारी आचार्य हुए उनका इतिहास बहुत विचित्र और सुनने योग्य है। कार्यक्रम में आमेट धोइंदा, पड़ासली ,नरदास का गुड़ा, सूरजपुरा, छापली ,रिछेड,कांकरोली, मुंबई बेंगलुरु, चेन्नई आदि से बड़ी संख्या में श्रद्धालु जन उपस्थित थे कार्यक्रम
में तेरापंथ महिला मंडल कन्या मंडल तेरापंथ सभा आदि ने गीत आदि के माध्यम से अपने विचार प्रस्तुत की कार्यक्रम की योजना में अनेक लोगों का सराहनीय सहयोग रहा कार्यक्रम प्रातः 8:00 बजे शुरू हुआ जो कि शाम को 4:00 बजे तक निर्विघ्नं गति से चलता रहा ।