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मंगळवार, सप्टेंबर २१, २०२१

जाट होने पर गर्व है।

 जाट होने पर गर्व है।

मै हिन्दू मुसलमान के चक्र में नही पड़ता, लेकिन जाट होने पर गर्व है। लेकिन मुझे उससे ज्यादा गर्व इस बात पर है की मेरा जन्म जाट जाति के प्रमुख गोत्र दलाल में हुवा। इतिहास गवाह हे की मेरे  दलाल वंश के पूर्वजों ने कभी गजनी पर भी राज किया। जब जजिया टैक्स लगाया और डर के मारे धर्म परिवर्तन हो रहा था, मेरे दलाल वंश के पूर्वजों ने गंगा की रक्षा के लिए कुचेसर रियासत बसाई जिसका किला आज भी Mud Fort के नाम पर खड़ा है। यही नहीं मेरे इन वीर पूर्वजों ने UP के अंदर मुगलों की कोयल  जेल को तोड़कर नया इतिहास रचा। इस देश में सबने मुगलों को टैक्स दिया लेकिन हरियाणा में मेरे दलाल वंश के पूर्वजों ने कभी मुगलों को टैक्स नही दिया। Jind जो महाराजा पटियाला, अर्थार्थ पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री  कैप्टन अमरिंदर सिंह के पूर्वजों ने, जब  अंग्रेजो और मुगलों के सहयोग से हरियाणा में टैक्स लिया, तो मेरे दलाल वंश के भूरा और निगइया ने छह महीने तक जींद में लजवाना गांव की रक्षा के लिए तोप के मुकाबले  पेड़ पर लोहे के कडहा लटकाकर लड़ाई लड़ी, लेकिन कभी किसी के सामने सिर नही झुकाया। दलाल वंश की लड़की भोली ने उस लड़ाई में सबसे जालिम और ताकतवर  राजा के सबसे करीबी का वध किया। और सैकड़ों सालों से हरियाणा की गलियों में एक नारा गूंजा की बिना रोटी खाने  की परवाह किए भोली ने  लड़ाई लड़ी। जोगी गाते थे:


" सिर्फ फाक बाजरा  भोली ने, 12 मारे  दलाल की छोली ने।।"

इन दलाल वंश के वीरो ने कभी जैसलमेर को सत्यापित किया और फिर मारवाड़ के पल्लू कोट में राज किया। उसके बाद अपने छोटे भाई  सिहाग को पल्लू कोट की रियासत सौपकर दलाल वंश के पूर्वजों ने अफगानिस्तान के गजनी में जाकर राज किया। अपने दूसरे सगे छोटे भाई मान को संयुक्त पंजाब के बाघा की रियासत पर साथापित किया जिसकी सीमा लाहौर तक थी। आज उसी को भारत पाकिस्तान के बॉर्डर को बाघा बार्डर बोलते है। एक भाई का राज लाहौर तक, दूसरे का मारवाड़ पर, दलाल वंश का खुद का गंगा पर कुचेसर।

क्षत्रियों के इतिहास और अन्य पुस्तकों में लिखा है की जब जवाहर सिंह ने महाराजा सूरजमल की हत्या करने का बदला लेने के लिए जब लाल किले पर चढ़ाई की तो दलाल वंश की रियासत  कुचेसर की 30 हजार सेना लेकर मुगलों पर चढ़ाई की। 

चौधरी चरण सिंह, जो दलाल के भांजे थे, ने एक बार कहा की मेरे मामा दलाल वंश कभी मुगलों के सामने  नहीं झुका तो राजनेतिक गठबंधन पार्टियों से छोटा बनकर मै कभी नही करूंगा।

हिंदू मुस्लिम, अमीर गरीब के बीच लड़ाई चलती रही है, चलती रहेगी । लेकिन मेरे दलाल वंश ने न तो कभी शोषण किया, न कभी धर्म परिवर्तन स्वीकार किया और न ही कभी मुगलों की दासता स्वीकार की। हम सब धर्मों को इज्जत करते है, लेकिन ,अल्लाह हु अकबर  न कभी कहा, न कहेंगे।

जब मुगलों ने गुरु तेगबहादुर का शीश काट दिया तो उसके बेटे खालसा पंथ की स्थापना करने वाले सबसे बड़े बलिदानी गुरु गोबिंद सिंह के नेतृत्व में  सिख धर्म की स्थापना करने वाले प्रथम पांच प्यारो में अकेला जाट जाति का प्रतिनिधित्व करने वाला  दलाल वंश का महान सपूत जाट धर्म सिंह दलाल था जिसने खालसा पंथ के संस्थापक गुरुगोबिंद सिंह के सेनापति की भूमिका निभाते हुए मुगलों से लड़ते लड़ते अपने गुरु गोबिंद सिंह के नेतृत्व में अपने गुरु गोबिंद सिंह के साथ ही शहीद हो गया।  क्या आज उन महान योदाओ और बलिदानियों के वंशज हिन्दू मुसलमान की एकता के लिए , अल्लाह हु अकबर पुकारे। हम हिंदू मुसलमान की एकता का स्वागत करते है, लेकिन अल्लाह हु अकबर कहने की कीमत पर नहीं।  धर्मों के बीच एकता और सद्भावना अच्छी बात, लेकिन अल्लाह हु अकबर  नही पुकारने के लिए तो जाट और सनातन धर्म के वीरों ने अपने परिवारों की कुर्बानी दी है। हम उन सनातन संस्कृति के रक्षकों के साथ धोखा नही कर सकते। क्या अब किसान आंदोलन की एकता  के नाम पर शंकर भगवान के साथ अल्लाह हु अकबर कहलवाया जायेगा। ऐसा हम कभी नही कर सकते क्योंकि हमारे सनातन धर्म पूर्वजों ने कभी किसी भी धर्म का अपमान नही किया और न ही कभी दूसरे धर्मो के लोगो को हिंदू या सनातनी बनाया। इसलिए हिंदू मुसलमान की एकता सिर्फ किसान की शक्ति बढ़ाने के लिए होनी चाहिए, न की ऐसे नारे किसान पंचायत में लगवाकर होनी चाहिए। 


आज दलाल खाप किसान आंदोलन में अपनी भूमिका निभा रही है। लेकिन जिसका इतिहास स्वाभिमान के लिए लड़ना रहा हो,  वो वंश कभी ये स्वीकार नहीं करेगा की  शंकर भगवान की जय जयकार के साथ "अल्लाह हु अकबर भी बोलेगा। किसानों की लड़ाई में हम साथ खड़े है और आखिर तक खड़े रहेंगे। हिंदू मुस्लिम की एकता  अच्छी बात है, लेकिन हम अपने मुंह से " अल्लाह हु अकबर कह कर अपने वंश दलाल, जाट समाज के हीरो जवाहर सिंह और पृथ्वी राज चौहान  और सनातन धर्म का अपमान नही कर सकते।



रमेश दलाल,

राष्ट्रीय अध्यक्ष,

भारत भूमि बचाओ संघर्ष समिति

Mb 9811083087


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