नागपूर /अरुण कराळे ( खबरबात )
बढ़ते कोरोना को देखते जिलाधिकारी ने आदेश जारी किया।सब्जी,दूधवाले,किराना वाले,व मार्केट में व्यवसाय करने वाले लोगो की कोरोना की जांच अनिवार्य की गई।जिलाधिकारी के आदेश पर तहसील स्वास्थ्य अधिकारी सचिन हेमके ने वाड़ी में जगह उपलब्ध नही होने से आखिर बाल संगोपन उपकेन्द्र पर मंगलवार से नागरिको की कोरोना जांच करना शुरू कर दिया।बुधवार को दोपहर 1 बजे के दौरान करीब 60 से 70 लोग एक दम से कोरोना जांच करने पहुंचे।केंद्र पर केवल दो ही कर्मचारी जांच में जुटे थे।पारी पारी से लोगो की एंटीजन जांच कर रहे थे।लेकिन तीन चार लोग एकदम सेंटर के अंदर पहुंचे व अपनी जांच पहले करने के लिए स्वास्थ्य कर्मचारियों को धमकाने लगे।कर्मचारियों ने पहले आने वाले कि जांच करेंगे आप नंबर से आओ आपका भी करेंगे इतना कहने पर अज्ञात लोगों ने स्वास्थ्य सेवक रजनीश गोलाइत व एक महिला कर्मचारी को मारपीट करना शुरु कर दिया।जिसमे रजनीश गोलाइत को सर पर आंखों पर ,पीठ पर चोटे लगी है।महिला कर्मचारी के साथ भी अभद्र व्यवहार किया व गाल पर झापड़ मारी।रजनिश गोलाइत को उपचार के लिए मेओ अस्पताल में भेजा गया।तालुका स्वास्थ्य अधिकारी सचिन हेमके घायल के साथ अस्पताल गए।पुलिस सुरक्षा की मांग हेमके ने की।मामला बिगड़ते देख पुलिस को मुख्याधिकारी जुम्मा प्यारेवाले ने सूचना दी।पुलिस मौके पर तुरन्त पहुंची व घायल कर्मचारी को मेओ अस्पताल में पहुंचाया गया।शिकायत दर्ज नही हुई। शिकायत होने पर कड़ी कार्रवाई होंगी यह जानकारी पीआई प्रदीप सुर्यवंशी ने दी।
घटना की तहसीलदार,तहसील स्वास्थ्य अधिकारी को शिकायत की गई है।पुलिस की सुरक्षा की मांग की गई है।वाड़ी के संगोपन केंद्र पर जांच नही करेंगे।दूसरी जगह उपलब्ध होने पर व पुलिस की सुरक्षा मिलने के बाद ही कोरोना जांच करेंगे नही तो काम बंद करने जानकारी दी है I