हड़तालियों का आरोप है कि रेलवे अधिकारी कैंटीन की जगह पर आधुनिक विश्रामगृह और प्रतीक्षालय का निर्माण करना चाहते है. आंदोलनकारियों ने उपविभागीय अधिकारी, तहसीलदार और थानेदार को निवेदन देकर इस ओर ध्यान देने की मांग की है. बावजूद ध्यान नहीं देने पर प्रिया झामरे ने स्वयं आंदोलन की चेतावनी दी है. सुबह डाक्टरों ने आंदोलनकारियों की जांच की. जांच में अन्नतपा के बीपी लो होने के साथ स्वास्थ्य में काफी गिरावट आई है. उन्हें हास्पिटल में दाखिल करने के सुझाव दिए है.
हड़तालियों का कहना है कि कैंटीन और सोसाइटी में उनकी जिंदगी बीत रही है. एक ओर केंद्र और राज्य सरकार रोजगार के अवसर उपलब्ध कराने का आश्वासन देती है, किंतु अस्थायी कामगारों का रोजगार छीना जा रहा है. प्रशासन अथवा रेलवे विभाग के किसी अधिकारी ने ध्यान नहीं दिया है. इसलिए आंदोलनकारियों ने अन्न के साथ जलत्याग की चेतावनी दी है.