सर छोटूराम व कवि मेहर सिंह को मिले भारत रत्न अवॉर्ड : रमेश दलाल
राष्ट्रीय किसान नेता रमेश दलाल बोले--चौधरी चरण सिंह और ताऊ देवीलाल जी को अबतक क्यो नही दिया गया भारत रत्न अवॉर्ड?
केएमपी मांडोठी टोल पर जल और भूमि युद्ध अनिश्चितकालीन आंदोलन 10वे दिन भी जारी रहा
बहादुरगढ़। केएमपी मांडोठी टोल पर जल और भूमि युद्ध अनिश्चितकालीन आंदोलन 10वे दिन भी जारी रहा। भारत भूमि बचाओ संघर्ष समिति अध्यक्ष व राष्ट्रीय किसान नेता रमेश दलाल के नेतृत्व में हजारों किसानों के साथ आंदोलन चलाया जा रहा है। राष्ट्रीय किसान नेता रमेश दलाल ने सरकार से मांग करते हुए कहा कि अब तक पूर्व प्रधानमंत्री चरण सिंह, पूर्व उप-प्रधानमंत्री ताऊ देवीलाल, किसानों के मसीहा सर छोटूराम, कवि मेहर सिंह दहिया को भारत रतन अवॉर्ड क्यो नही मिला? इन सभी महापुरुषों का देश की आजादी में अपना हम योगदान है। इनको जल्द से जल्द भारत रत्न अवार्ड मिलना चाहिए। तभी इन चारो का सरकार की तरफ से सच्चा सम्मान होगा।
● किसान नेता रमेश दलाल ने कहा कि सरकार को किसानो को उनकी जमीन का 10 करोड़ रुपए प्रति एकड़ मुआवजा, एसवाईएल का पानी और 108 हिंदी भाषीय गांव पंजाब से हरियाणा को देने, क्षेत्र के विकास के लिए मेट्रो रेल सेवा का बादली, खरखौधा, मांडोठी तक विस्तार, पूर्व प्रधानमंत्री चरण सिंह, पूर्व उप-प्रधानमंत्री ताऊ देवीलाल, किसानों के मसीहा सर छोटूराम, कवि मेहर सिंह दहिया को भारत रतन अवॉर्ड देना चाहिए।
*विश्वयुद्ध के दौरान छोटूराम के कहने पर लाखों लोग अंग्रेजों की सेना में हुए भर्ती - रमेश दलाल*
राष्ट्रीय किसान नेता रमेश दलाल ने कहा कि किसानों के मसीहा सर छोटू राम के कहने पर द्वितीय विश्वयुद्ध के दौरान हमारे हरियाणा, राजस्थान, दिल्ली, पंजाब, यूपी, दिल्ली आदि देशभर के विभिन्न राज्यो के किसानों के बच्चे फौज में भर्ती हुए और अंग्रेजों की शर्त थी कि द्वितीय विश्व युद्ध में अगर भारत इंग्लैंड की मदद करेगा तो अंग्रेज भारत को आजादी देकर जाएंगे। इसलिए छोटूराम के कहने पर लाखो युवा फौज में भर्ती हुए।आजादी मिलने का प्रमुख कारण सर छोटूराम का यही योगदान था। विश्वयुद्ध के दौरान छोटूराम के कहने पर लाखों लोग अंग्रेजों की सेना में भर्ती हुए और बिना आजादी दिए अंग्रेज इतनी बड़ी भारतीय फौज को काबू नही कर सकते थे और इसलिए सर छोटूराम की वजह से आजादी प्राप्त हुई। किसान नेता रमेश दलाल ने सरकार से सवाल किया कि क्या इस आजादी के योगदान के लिए सर छोटू राम को भारत रत्न अवार्ड नहीं मिलना चाहिए?.
*वीरता की कविता सुनाकर फौजी भाइयों में कवि जाट मेहर सिंह दहिया ने भरा जोश - रमेश दलाल*
राष्ट्रीय किसान नेता रमेश दलाल ने कहा कि फौज में आजादी का माहौल बनाने के लिए वीर रस की कविता फौजियों को सुनाने वाला हमारा जाट मेहर सिंह दहिया ही था फौज में कविताएं गाकर फौजी भाइयों में जोश भरने का काम इस लिए किया था ताकि दितीय वर्ल्ड वार के बाद इंग्लैंड अपने वायदे को पूरा करते हुए भारत को आजादी दे सके। इस लिए जाट मेहर सिंह दहिया की वजह से भी भारत को आजादी मिली है। लता मंगेशकर को तो भारत रतन दिया जाता है जबकि वह अपने गाने के लिए रुपए लेती है और कवि जाट मेहर सिंह फ्री में फौज का उत्साह बनाने के लिए कविताएं, गाने गाता था। उन्होंने वीरता की कविताएं गाई। उनकी आवाज को अंग्रेजो ने देश को आजादी देने के हथियार के रूप में प्रयोग किया था। किसान नेता रमेश दलाल ने सरकार से सवाल किया है कि क्या कवि जाट मेहर सिंह दहिया को भारत रत्न अवार्ड नहीं मिलना चाहिए? जिन्होंने भारत देश को आजादी दिलाने में अपनी अहम भूमिका निभाई।
*ताऊ देवीलाल जी द्वारा बुढ़ापा पेंशन आज पूरे देश का सहारा बनी - रमेश दलाल*
राष्ट्रीय किसान नेता रमेश दलाल ने कहा कि पूर्व उप-प्रधानमंत्री ताऊ देवीलाल द्वारा हरियाणा को बुढ़ापा पेंशन की जो सौगात दी गई थी सबसे पहले उनके द्वारा ही पहल की गई थी। आज बुढ़ापा पेंशन ताऊ देवीलाल जी की वजह से पूरे देश का सहारा बना है। देश को विकसित करने, दिशा दिखाने में अपनी अहम भूमिका निभाई है। उन्होंने सदैव गरीब व कमेरे वर्ग के लिए न केवल लड़ाई लड़ी, बल्कि जरूरतमंद और मजदूरों की आवाज सरकारों में बुलंद भी करते रहे। रमेश दलाल ने कहा कि देश, प्रदेश के किसानों, कमेरे वर्ग के उत्थान और विशेषकर बुजुर्गों को सम्मान दिया। देवीलाल जी ने बुढ़ापा पेंशन की शुरूआत कर एक ऐतिहासिक कदम उठाया। किसान नेता रमेश दलाल ने सरकार से सवाल किया है कि क्या पूर्व उप-प्रधानमंत्री ताऊ देवीलाल जी को भारत रत्न अवार्ड नहीं मिलना चाहिए? जिन्होंने भारत देश को आजादी दिलाने में अपनी अहम भूमिका निभाई।
*मौलिक अधिकार से जमीन का अधिकार निकाल कर भूमिहीनों को जमीन अलॉट करने का रास्ता साफ किया और यह इतिहासिक काम किसानों के मसीहा चौधरी चरण सिंह ने किया-रमेश दलाल*
राष्ट्रीय किसान नेता रमेश दलाल ने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री चरण सिंह किसानों के अतिरिक्त गरीबों के सच्चे मसीहा थे। 1977 में जनता पार्टी की पहली गैर कांग्रेस सरकार में वह गृह मंत्री बने तब उन्होंने जमीन को संविधान के मौलिक अधिकार से निकाल कर किसानों का तो नुकसान किया लेकिन भूमिहीन गरीब और बेसहारा लोगों का उन्होंने बहुत फायदा किया था। जो प्रधानमंत्री मोदी आज गरीब आवास योजना के मकान बांट रहा है वो इस लिए बांट रहे हैं क्योंकि जमीन का मौलिक अधिकार संविधान से निकाल कर किसानों को नुकसान पहुंचाकर गरीबों को जमीन देने का रास्ता 1978 में चौधरी चरण सिंह ने खोला था। पूर्व प्रधानमंत्री चरण सिंह की बदौलत जमीदारों का नुकसान हुआ और गरीबों को जमीन का अधिकार मिला। चौधरी चरण सिंह सामाजिक न्याय में दृढ़ विश्वास रखने वाले व्यक्ति थे जिन्होंने भूमिहीनों के अधिकारों की लड़ाई लड़ी।किसान नेता रमेश दलाल ने सरकार से सवाल किया है कि क्या पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह को भारत रत्न अवार्ड नहीं मिलना चाहिए? जिन्होंने भारत देश को आजादी दिलाने में अपनी अहम भूमिका निभाई। इस अवसर पर रामकंवार दलाल, दिलबाग दलाल मांडौठी, राजेंद्र मांडौठी, सुमित छिकारा, ओम साहब, सूरजभान, उमेद सिंह दलाल मांडौठी, अनिल गुभाना, संजय दलाल, जयवीरेंद्र बुपनिया, जयभगवान, ओमप्रकाश, दरियाव सिंह, चौधरी रामकंवार दलाल, ओम साहब, मेहताब, प्रधान बीजे, जिले सिंह, मुकेश कुमार, चंद्रभान दहिया, बिजेंद्र भारद्वाज, महन्दीपुर डाबोदा, जयप्रकाश मण्डौरा, रामकिशन जाखौदा आदि हजारों की संख्या में किसान मौजूद रहें।
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