कांकरोली ।
महातपस्वी आचार्य श्री महाश्रमण के विद्वान शिष्य मुनि श्री सिद्ध प्रज्ञ ने शरद पूर्णिमा की रात्रि में 9:00 बजे प्रेक्षा ध्यान का विशेष प्रयोग कराते हुए कहां आज की रात पूर्णिमा की रात है जैसे 16 कलाओं से परिपूर्ण चंद्रमा हमें परिपूर्ण होने की प्रेरणा देता है वैसे ही हमें संपूर्ण विकास करना चाहिए। ध्यान के द्वारा यह योग्यता प्राप्त होती है जिसके द्वारा हम शारीरिक स्वास्थ्य, मानसिक शांति, भावनात्मक संतुलन एवं आध्यात्मिक शक्तियों का विकास कर सकते हैं।
महातपस्वी आचार्य श्री महाश्रमण के विद्वान शिष्य मुनि श्री सिद्ध प्रज्ञ ने शरद पूर्णिमा की रात्रि में 9:00 बजे प्रेक्षा ध्यान का विशेष प्रयोग कराते हुए कहां आज की रात पूर्णिमा की रात है जैसे 16 कलाओं से परिपूर्ण चंद्रमा हमें परिपूर्ण होने की प्रेरणा देता है वैसे ही हमें संपूर्ण विकास करना चाहिए। ध्यान के द्वारा यह योग्यता प्राप्त होती है जिसके द्वारा हम शारीरिक स्वास्थ्य, मानसिक शांति, भावनात्मक संतुलन एवं आध्यात्मिक शक्तियों का विकास कर सकते हैं।
इस अवसर पर मुनि श्री ने ज्योति केंद्र पर पूर्णिमा के चांद का ध्यान कराया तथा श्वेत रंग के साथ मंत्र का जप कराया साथ ही साथ उन्होंने 1 साल तक हमारा मन शांत रहे घर में शांति रहे परिवार में शांति रहे चारों तरफ शांति का वातावरण रहे इसके लिए अनुप्रेक्षा का विशेष प्रयोग कराया।
कार्यक्रम में बड़ी संख्या में भाई बहनों ने गहरी रूचि और उत्साह से भाग लिया मुनि श्री संजय कुमार स्वामी एवं मुनि श्री प्रकाश कुमार की पावन प्रेरणा से यह कार्यक्रम आयोजित हुआ। कार्यक्रम के अंत में तेरापंथ सभा के अध्यक्ष प्रकाश सोनी ने आभार व्यक्त करते हुए कहा आज का दिन हमें हमेशा के लिए याद रहेगा हम ने पहली बार इस तरह से ध्यान का विशेष प्रयोग किया आशा और विश्वास है जनता भी इसे नियमित रूप से करती रहेगी।