भाजपा प्रदेश मुख्य प्रवक्ता केशव उपाध्ये की टिप्पणी
अयोध्या में श्री राम मंदिर भूमिपूजन के शुभ अवसर पर शांति से आनंदोत्सव मनाने वाले कार्यकर्ताओं पर महाविकास आघाडी सरकार ने कार्यवाही करके अपने मुगलशाही रवैये को दर्शाया है। ऐसी टिप्पणी भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश मुख्य प्रवक्ता केशव उपाध्ये ने गुरुवार को मुंबई में की। भाजपा प्रदेश कार्यालय में आयोजित पत्रकार परिषद में वे बोल रहे थे। इस दौरान भाजपा प्रदेश कार्यालय सचिव मुकुंद कुलकर्णी उपस्थित थे।
श्री उपाध्ये ने कहा कि, कोरोना महामारी प्रसार के समय सभी नियम, बंधनों का पालन करते हुए आनंद उत्सव को मनाने का आदेश पार्टी की ओर से राज्य भर के कार्यकर्ताओं को दिया गया था। ऐसा होने के बाद भी पुलिस प्रशासन कई स्थानों पर दबाव के तंत्र का उपयोग करके आनंद उत्सव मनाया ही न जाए यह प्रयास किया। पिंपरी- चिंचवड में कार्यकर्ताओं ने 10 लाख लड्डुओं का वितरण करना निश्चित किया था। लेकिन पुलिस ने लड्डू वितरण करने पर प्रतिबंध लगा दिया। अनेक स्थानों पर भगवान रामचंद्रजी की प्रतिमा और झंडों को जप्त कर लिया। इंद्रापुर, बारामती, सासवड में भी कार्यक्रम नहीं होने दिया गया।
विदर्भ में अमरावती, बडनेरा,परतवाडा, पुसद, अकोला में पुलिस द्वारा कार्यकर्ताओं को धमकाने की घटना सामने आई है। 'यदि कार्यक्रम किये तो देखना, अपराध दर्ज करेंगे' इस तरह की भाषा का उपयोग पुलिस की ओर से किया गया। नागपुर में बैनर, झंडों को लगाने नही दिया गया।
नाशिक स्थित कालाराम मंदिर परिसर में अंतर रखने के सभी नियमों का पालन करते हुए आनंदोत्सव मनाने की विंनती को पुलिस ने नहीं माना। कालाराम मंदिर परिसर में सभी जगहों पर बैरिकेड लगाए गए। आखिरकार विधायक देवयानी फरांदे ने जमावबंदी के आदेश को तोडते हुए रामकुंड पर आरती की। परभणी में पेडा वितरण कार्यक्रम को पुलिस ने बंद करा दिया और कार्यकर्ताओं को हिरासत में लिया गया। मालेगांव में भी झंडे नहीं लगाने दिए गए। परली में आनंदोत्सव मनाने वाले अनेक कार्यकर्ताओं को पुलिस ने हिरासत में लिया। सिन्नर में आरती करने के कारण शहर अध्यक्ष व अन्य पदाधिकारियों को 3 घंटे तक पुलिस स्टेशन में रुका कर रखा गया। अनेक स्थानों पर कार्यक्रम में भाग लेनेवाले कार्यकर्ताओं का नाम लिखकर लिया गया।
कराड में महिला कार्यकर्ताओं को कार्यक्रम करने नहीं दिया गया। अकलुज में भी कार्यकर्ताओं को पुलिस की ओर से धमकी दी गई। झंडा, पताका लगाने पर प्रतिबंध लगाया गया। यह सब प्रथम दृष्टि देखने पर यही लगता है कि आनंदोत्सव कार्यक्रम को नहीं होने देना यह सरकार का छुपा एजेंडा है, ऐसी शंका उत्पन्न होती है। श्री उपाध्ये ने यह कहा है।
श्री उपाध्ये ने कहा कि, नगर जिले में पुलिस ने गलत कार्यवाही करते हुए कोपरगाव, श्रीरामपूर, संगमनेर, नेवासा, शेवगाव इन स्थानों पर आनंद उत्सव मनाने वाले कार्यकर्ताओं के खिलाफ अपराध दर्ज किए हैं। कांग्रेस के साथ गठबंधन किया है इसलिए हिंदुत्व को नहीं छोड़ा है यह कहनेवाली शिवसेना का असली रूप इस अवसर पर दिखाई दिया है। सत्ता के लिए सेना ने राम राज्य को छोड़ दिया है और मुगलशाही को स्वीकार किया है यह इन सभी घटनाओं से स्पष्ट हुआ है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हाथों अयोध्या में श्री राम जन्मभूमि में भव्य मंदिर के लिए भूमिपूजन समारोह होते समय संपूर्ण देश में आनंदोत्सव मनाया गया। इस ऐतिहासिक दिन को दिवाली की तरह मनाने का निर्णय भाजपा ने लिया था। कोरोना महामारी को देखते हुए कार्यकर्ताओं ने स्थान-स्थान पर आनंद व्यक्त करने का प्रयास किया। महाराष्ट में शिवसेना – काँग्रेस – राष्ट्रवादी काँग्रेस की महाविकास आघाडी सरकार की पुलिस ने अनेक स्थानों पर रामभक्तों पर कार्यवाही करके आघाडी सरकार ने राज्य में मुगलशाही का शासन है यह दिखाया है। ऐसा श्री उपाध्ये ने कहा है।