बानो सरताज हिंदी और उर्दू साहित्य जगत का एक महत्वपूर्ण नाम हैं. अपने लेखन के साथ इमानदारी से पेश आते हुए उन्होने अपनी साहित्य साधना अविरत जारी रखी. महाराष्ट्र राज्य उर्दू साहित्य अकादमी और देश के अनेक साहित्यविषयक पुरस्कारोसे सन्मान हुआ.
चंद्रपूर शहर मे वास्तव्य करती हैं. स्वान्त सुखाय लेखन. उर्दू हिंदी मे तकरीबन पचास के ऊपर किताबो का लेखन. चाहे स्त्रीविषयक हो, हास्य व्यंग हो , कहानी हो, नाटक हो, बालकथा हो या सामाजिक एकता पर हो, लेखन किया हैं... लेकिन आज के समय भी प्रसिद्धी तथा तामझाम से दूर रहने वाली ये प्रसिद्ध लेखिका है ये हम सब अच्छे से जानते है. बालसाहित्य लेखन के लिये 2015 का साहित्य अकादमी पुरस्कार उन्हे मिला हैं..
बानो सरताज हिंदी उर्दू साहित्य में एक सन्माननीय नाम है.. उनकी भूक तथा अन्य कहानिया, चलो अब मर जाये और किल पे टंगा बचपन ये तीन कहानी संग्रह हम आपके लिये 720 रुपयो की ये तिनो कहानीसंग्रह केवल 550/- रुपये मे घरपोच लेकर आये हैं.. अगर आप हिंदी कहानी पढना चाहते है, अच्छी कहानी पढना चाहते है या कहीये के बानो सरताज पढना चाहते है तो आप हमसे संपर्क कर सकते है...
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