हर शहर की स्वास्थ्य सुविधाओं की भयावह स्थिति हैं। ऐसे में किसी पर आरोप-प्रत्यारोप करने से बेहतर है जो जरूरतमंद पीड़ित परिवार है उनकी मदद करें। कुछ संस्थाएं व्यक्तिगत तौर पर यथासंभव आगे आकर मदद कार्य कर रहे हैं। हालात ऐसे हो रहे, पीड़ित परिवार को एक जगह से दूसरी जगह ले जाने के लिए एंबुलेंस के नाम पर लुटा जा रहा है। उनकी मजबूरियों का फायदा उठाया जा रहा है।
अब्दुल जावेद ने बताया कि उनके पिताजी जब चंद्रपुर में एक निजी अस्पताल में एडमिट थे। तब उनकी तबीयत बेहद खराब होने की वजह से उन्हें नागपुर ले जाना था। उस समय जब एंबुलेंस के लिए संपर्क किया तब एंबुलेंस वालों ने निचले दर्जे की बारगेनिंग की। वह बात जावेद के दिमाग को चीर कर गई। प्रतिष्ठित समाजसेवी लोगों से जब ऐसा व्यवहार होता है तो आम गरीब लोगों के साथ कैसी लूट व बर्ताव होता होगा? इसी वाकए से जावेद ने सोच लिया था कि एक ऐसी एंबुलेंस हो जो जरूरतमंद परिवार के लिए तत्काल बिना बारगेनिंग के दौड़े। नटराज डांस इंस्टीट्यूट के कोरियोग्राफर अब्दुल जावेद ने लोग सहभाग से मुफ्त एंबुलेंस सेवा देने का संकल्प हाथ में लिया है। इस मानवता वादी कार्य में नेत्रा इंगूलवार, चेतन सोरते, श्रीकांत बटले, गफूर मामू मनीवाले, सचिन तावडे, पंधरप्पा हंस, अलका गुरुवाले, पूनम झा, शीलादेवी लुणावत,आवेश सिद्दीकी ,इम्तियाज सिद्दीकी, जहांगीर सिद्दीकी, अब्दुल् आबिद, अब्दुल सलीम , बबलू सिद्दीकी, इकबाल शेख, आरिफ खाखू, कमल जोहरा ,राकेश कोंडावार, जगदीश ठाकुर, विजय देवांगन, महेश छानम, आशीष रिंगणे, रवी बनसोड, रवी, गुनगंटीवार, विवेक गुनगंटीवार , मीनाक्षी अलोणे, बाळू तोडे, निलेश जवादे ,नरेंद्र बुटले, जीक्कु जैकप, मलिक बुधवानी,डॉ आभा मिलकर, निशा धोंगडे,अमित कुमार फुलझले जर्मनी, श्रीधर नक्का, अमेरिका और ऐसे कई नाम है जिन्होंने इस काम के लिए आगे आकर मदद का हाथ बढ़ाया।
जावेद ने बताया कि इस एम्बुलेंस के चालक और मेंटेनेंस का खर्च के लिए एक एंबुलेंस मेंटेनेंस फंड तैयार किया जा रहा है, जिसमें। जिसको जितना संभव हो वह हर महीने इस फंड में एक निश्चित राशि दान करेंगे ,इसी फंड से ड्राइवर का पेमेंट,मेंटेनेंस और हमारी अगली एंबुलेंस का नियोजन भी किया जाएगा जरूरतमंद को केवल ईंधन का खर्च उठा कर इसकी सेवा लेने की सुविधा होगी। ये चंद्रपुर जिले में पहली एम्बुलेंस होगी जो जनता के लिए जनता के ही मेहनत से