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रविवार, जुलै ०८, २०१८

पत्रकारों का जेल भरो आंदोलन

  • 12 जुलाई को नागपुर अधिवेशन में होगा "चड्ढी-बनियान" मोर्चा

पालघर । पालघर में पत्रकारों का जेल भरो आंदोलन से सहमे पुलिसकर्मी। इस आंदोलन में सैकड़ों पत्रकारों ने सड़क पर उतर कर पुलिस प्रशासन और सरकार की लापरवाही का जमकर विरोध किया। पालघर जिला के SP मंजूनाथ शिंगे के दो तरफा रवैये की सभी पत्रकार संघो ने तीव्र निंदा की।

गत दिनों पालघर पुलिस द्वारा दो पत्रकार राम परमार व मोहम्मद हुसैन पर झूठा केस दर्ज कर उन्हें गलत तरीके से गिरफ्तार किए जाने के मामले में आज पालघर, ठाणे ग्रामीण, मुंबई सहित कई दूसरे शहरों और राज्य के पत्रकार संघो ने मिलकर एक साथ जेल भरो आंदोलन किया।

श्रमजीवी संगठना के अध्यक्ष विवेक पंडित ने इस आंदोलन का समर्थन करते हुए कहा कि साल 2017 में नए संसोधन के तहत धारा 353 में हुए उलटफेर की कड़ी निंदा की। धारा 353 के तहत पुलिस कर्मी अब अपने मनमानी को अंजाम दे रहे है क्योंकि इस धारा के तहत जमानत नही मिल पाती। पहले इस धारा के तहत ज़मानत मिल जाती थी। आगे उन्होंने कहा जी यही कारण है की 2 पत्रकार इनके शिकार हुए है। पत्रकार स्वतंत्र भारत के चौथे आधार स्तम्भ है उनकी आज़ादी कोई नही छीन सकता।

आंदोलन में शामिल हुए पत्रकारों ने बताया कि दोनों पत्रकार खबर की जानकारी हासिल करने गए थे लेकिन पालघर पुलिस के अधिकारियों को यह रास नही आ रहा था इसलिए उन्हें जानबूझकर जेल में ठूसा गया। आज इस आंदोलन का छोटा रूप पालघर पुलिस ने देखा। आगे इस आंदोलन का बड़ा रूप नागपुर के अधिवेशन सत्र में दिखेगा। जब चौथा स्तंभ अपने हक़ व न्याय के लिए अर्धनग्न अवस्था मे अपना विरोध प्रदर्शन करेगा।

नागपुर अधिवेशन में 12 तारीख़ के दिन देशव्यापी आंदोलन में हजारों की संख्या में पत्रकारों के पहुँचने वाले है। महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस को इस मामले को गंभीरता से लेते हुए तत्काल ड्यूटी पर मौजूद उन पुलिसकर्मियों को निलंबन करने की मांग पत्रकारों एवं संघ ने की।

12 जुलाई को नागपुर अधिवेशन में "चड्डी बनियान आंदोलन" कर विरोध प्रदर्शन की तैयारी मे सभी पत्रकार जुटे है ताकि पुलिस वालों द्वारा पत्रकारों पर IPC की धारा 353 का गलत इस्तेमाल कर उन्हें गिरफ्तार किए जाने के मामले पर रोक लग सके और पालघर पुलिस द्वारा कि गई कार्यवाई की निष्पक्ष जांच कर दोनों पत्रकारों के खिलाफ दर्ज मामलों को वापस लिया जा सके। सभी दोषी पुलिस अधिकारियों के खिलाफ कड़ी से कड़ी कार्यवाई की जाए।

पालघर जिल्हा पत्रकार समन्वय समिति के साथ संलग्न होकर इस आंदोलन में कई अखबारों एवं न्यूज़ चैनल के पत्रकार जिनमे प्रमुख रूप से प्रभाकर कुडालकर, रामाकांत पाटिल, जय सिंह, महेश गुप्ता, अरुण कुमार गुप्ता, प्रासंजीत इंगले,राजा मयाल, प्रतीक ठाकुर, शशि शर्मा, आर एस यादव, विजय गायकवाड़, बसंत अग्रहरि, प्रवीण नलावाड़े सहित सैकडों पत्रकारों ने भाग लिया।

पालघर जिल्हा पत्रकार संघ, युवा पत्रकार संघ, मराठी पत्रकार परिषद, दि प्रेस क्लब ऑफ वसई विरार, वसई विरार महानगर पत्रकार संघ, क्राइम रिपोर्ट्स वेलफेयर एसोसिएशन के साथ-साथ कई सामाजिक संगठन जिनमे प्रमुख श्रमजीवी संगठन, आदिवासी दलित सेना एवं वकीलों की बार काउंसिल ने भी जाहिर समर्थन दिया।

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