चंद्रपुर। सिकलसेल रोग का अध्ययन व उपचार करने के लिए देश का चौथा सिकलसेल रिसर्च सेंटर चंद्रपुर में स्थापित किए जाने का जानकारी सांसद हंसराज अहीर ने पत्रकार परिषद में दी. चंद्रपुर, गढ.चिरोली, वर्धा, यवतमाल, नागपुर शहरों में सिकलसेल रोगी बडे. प्रमाण में हैं. यह रोग असाध्य माना जाता है. इन रोगियों के उपचार के लिए अब तक देश में तीन सेंटर शुरू किए गए हैं. चौथा सेंटर चंद्रपुर में बनाया जाएगा, जिसमें इन रोगियों का अध्ययन करके उन पर उपचार किया जाएगा. चंद्रपुर के म्हाडा कालोनी में चार एकड. भूमि में यह अस्पताल बनेगा. बहरहाल यहां के क्षयरोग अस्पताल में एक महीने के भीतर इस अस्पताल को आरंभ कर दिया जाएगा. चंद्रपुर जैसे क्षेत्र में देश का चौथा तथा महाराष्ट्र का पहला अस्पताल यहां खुलने से इसका काफी फायदा क्षेत्र के सिकलसेल रोगियों को होने का विश्वास सांसद हंसराज अहीर ने व्यक्त किया. अहीर ने बताया कि इस सिकलसेल अस्पताल का भूमिपूजन व क्षयरोग अस्पताल में प्राथमिक स्तर पर उद््घाटन 24 दिसंबर को होगा. रिसर्च सेंटर में 25 बिस्तरों की सुविधा की जाएगी. भूमिपूजन के दिन देश के 10 नामी वैद्यकीय अधिकारी पहली बार यहां उपस्थित होंगे. सिकलसेल रोगियों के लिए 150 करोड. रूपए खर्च अपेक्षित है. पहले सिकलसेल को रोगियों को दी जानेवाली हायट्रोसिल गोली 32 रु. की थी. किन्तु उनके प्रयासों से इस गोली को अब नि:शुल्क उपलब्ध कराया जा रहा है. अस्पताल के बनने से रक्तजनित बिमारियों के संबंध में यहां पर अनुसंधान हो सकेगा. इसी प्रकार इसके रोगियों को अपाहिजों की श्रेणी में शामिल किया गया है. इस पत्रकार परिषद में डा. खान, डा. मंगेश गुलवाडे., डा. धोटे, इको-प्रो के बंडू धोतरे, ग्रीन प्लैनेट के सुरेश चोपणे आदि उपस्थित थे. |
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रविवार, डिसेंबर १५, २०१३
Author: खबरबात
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